कक्षा 2 के लिए दो छोटे नैतिक कहानियां
हमारे देश में नैतिक कहानियों का अनुभव हमारे समाज को सदैव प्रेरित करता है। ये कहानियां हमें सही और गलत के बीच के अंतर को समझने में मदद करती हैं। हमारे देश में नैतिक कहानियां कई प्रकार की होती हैं, जैसे कि प्राचीन काल से लेकर आज तक के कहानियां। ये कहानियां हमें अपने जीवन में सही निर्णय लेने में मदद करती हैं। आज हम आपको कक्षा 2 के लिए दो छोटे नैतिक कहानियों के बारे में बताएंगे।
पहली कहानी है “अपने दोस्त को नहीं भूलना”। यह कहानी एक छोटे लड़के की है जो अपने दोस्त को भूल गया था। वह अपने दोस्त को अपने दोस्त के घर पहुँचने के लिए प्रत्येक दिन निकलता था। एक दिन, वह दोस्त के घर पहुँचने के लिए निकला लेकिन उसे अपने दोस्त को भूल गया। उसने अपने दोस्त को ढूंढने के लिए काफी समय लिया लेकिन वह अपने दोस्त को नहीं मिला। उसके दोस्त को ढूंढने के बाद उसे यह समझ आया कि वह अपने दोस्त को नहीं भूलना चाहिए था।
दूसरी कहानी है “न्याय की माँ”। यह कहानी एक गाँव में रहने वाले दो लोगों की है। दोनों लोग एक दूसरे से अलग होते थे और एक दूसरे को अपने राज्य में नहीं स्वीकारते थे। एक दिन, उन्होंने अपने गाँव में एक न्याय की माँ को आया। न्याय की माँ ने दोनों लोगों को समझाया कि वे अपने राज्य में एक दूसरे को स्वीकार करने की कोशिश करें। दोनों लोगों ने न्याय की माँ की सलाह को माना और अपने राज्य में एक दूसरे को स्वीकार करने लगे।
ये दो छोटे नैतिक कहानियां हमें सही और गलत के बीच के अंतर को समझने में मदद करती हैं। ये कहानियां हमें अपने जी